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पति का lover

आज अजय की शादी सालगिरह थी //उसे जल्दी ऑफिस से घर लौटना भी था के तभी जाते वक्त उसकी वाइफ सरिता करीब आकर कंधे पर दोनों हाथ रखते हुए कहती है

देखो जी जल्दी आ जाना ऑफिस से और हां देखो शाम को खाने का इनवाइट किया है मम्मी को //यानी तुम्हारी सासू मां को// और कोई मित्र दोस्त तुम्हारे साथ आ रहे है तो अभी बता दो

ताकि मैं खाना बनाकर रेडी रखू

अमित कुछ सोचने लगता है //सरिता उसे देख कहती हैं//क्या सोच रहे हो

अमित उसकी तरफ नर्वस सा देखते हुए कहता है हां है एक जो मेरे ऑफिस में साथ काम करती है

सरिता तुमसे एक बार हमने उसके बारे में बताया भी था उसका नाम है रिंकी है जो  अपने ही अब ऑफिस में जॉब करती है

बहुत सुंदर सुशील और दिल की बहुत अच्छी लड़की हैं जानती हो पुरे आफिस के स्टॉफ उस से दोस्ती करना चाहता है पर वो सिर्फ़ मुझे ही अच्छा दोस्त मानती हैं

और गए वीक में उसके bithday पर खास मुझे इनवाइट की थी

और तब से वो मेरा खास फ्रेंड हो गया है यह सुनकर सरिता मुस्कुरा देती है

 कहती हैं  अच्छा है न कोई लडकी आपकी खास दोस्त हैं

अजय सरिता को हल्की मुस्कान के साथ  देखता है इधर

स्कूल छुट्टी होने की वजह से अजय के दोनो बच्चे पास आता है जो

 बड़ा बेटा दस साल का और छोटी बेटी 6 साल की  हैं

बेटा मोनू  कहता है

 पापा हम दोनो के लिए कोई गिफ्ट जरुर लाना आते वक्त

अजय ok बोलकर ऑफिस के लिए निकल पड़ता है

  शाम को रसोई में सरिता की मां और सरिता दोनों किचन में खाना बनाने में व्यस्त है

तभी कॉल वेल की आवाज आती है

सरिता डोर खोलने जाती हैं

अजय एक सुन्दर सी  लडकी को लेकर अन्दर आती हैं

लड़की की उम्र होगी यही कोई २२ / 23 की

अजय सरिता से लड़की को मिलवाती है

 अजय कहता है

ये है रीना जिसके बारे सुबह तुम्हे बताया था और रीना ये है मेरी wife सरिता

सरिता रीना एक दुसरे से हाय hello करती है

तभी सरिता की मां भी बहार आ जाती है

और जमाई को एक अंजान खूबसूरत लडकी के साथ देख मुंह बना कर वापस रोसाई मे चली जाती हैं

फिर थोड़ी देर बाद सरिता भी आ जाती है रसोई में और मां के साथ काम पर हाथ बताती है

और मां को सरिता कहती है

लड़की देखने में बहुत सुंदर है //वैसे भी सुंदर लड़कियों से कौन मर्द नहीं चाहेगा दोस्ती करने //

तभी मां कहती है

सुन बेटा //तेरा ये पति का चाल ढाल मुझे कुछ अच्छा नहीं दिख रहा है

समय रहते तू इसे अपने काबू में रख

 नहीं तो बाद में तुझे पछताना न पड़े सरिता हंसते हुए कहती है

अरी मां तुम्हारा जमाई कोई भेड़ बकरी है जो काबू में कर रखना है // मैं अपने पति पर कभी भी संदेह नहीं करती

ओर फिर भरोसे पर ही तो 12 साल से घर गिरस्ती चली आ रही है

और वैसे भी उसके साथ एक लड़की को देखकर दूसरे की तरह चीखना चिल्लाना यह सब मुझे नहीं आता //

उसके ऑफिस के फ्रेंड हैं //आई है तो क्या हुआ //पहले का जमाना नहीं रहा मम्मी

// चलो जल्दी खाना बनाते हैं

और फिर दोनों खाना बनाने की तैयारी मे लग जाती है

और फिर कुछ दिन गुजरने के बाद आखिर वो मनहूस घड़ी आ ही जाती हैं

एक रात अजय सरिता दोनो सोने की तैयारी में बेड में लेटते हैं

आज सरिता की मुड अजय के साथ रोमांस करने को होता है // वो अपनी हाथ अजय के कंधे और पीठ को प्यार से सहलाने लगती हैं जिससे अजय को गुदगुदी सी होने लगती हैं // इसके पहले

 अजय उत्तेजित हो // के अचानक सरिता के हाथ हटाकर वो उठ कर बेड पर बैठ जाता है//

सरिता बोलती है//

 क्या हुआ कुछ परेशान दिख रहे हो

अजय थोडा नर्वस हो कहता है

सरिता तुमसे कुछ बात करनी है

 मै रिना से प्यार करने लगा हूं // मैं उससे शादी करना चाहता हूं //

ये सुन सुनीता आश्चर्य से अपने पति को गुस्से से देखते हुए अपने आप को सम्हालते हुए कहती है

 कोई बात नहीं // तुम मुझ से अलग होना चाहते हो // मुझे डाइवर्स देना चाहते हो  यही ना //

अजय हां मे सर हिलाता है //

सरिता कहती है

 कोई बात नहीं //कल की बात कल होगी //अभी क्यों रात को मूड खराब करना //आओ सोते हैं //प्यार में हम दोनों खो जाते हैं //

और सरिता उसके हाथ पकड़ के बेड पर प्यार में डूब जाती है //

 दूसरे दिन सरिता अपने दोनों बच्चे को तैयार करके अपनी मां के साथ भेज देती हैं मायके

और कुछ मन में सोचती हुई

 वह बेडरूम में मिरर के पास आकर अपने आप को निहारती है//  और अपने आप से कहती है

 

 मेरी उम्र ही अभी क्या हुई only 35

 अभी भी मेरे चेहरे में चमक है // कही कोई झुड़ियां भी नहीं निकली है//

और अपने फिगर को देखते हुए मुस्कुराती है और कहती है

अभी भी काफ़ी जवान हूं //अभी भी बोल्ड दिखती हूं मैं//

 फिर वह कुछ देर सोचती हैं अपनी लाईफ और बच्चो की भविष्य के बारे मे

मन ही मन कुछ प्लानिंग करके वो अजय के पास जाती हैं और अजय को कहती है //

आज तुम ऑफिस मत जाओ // मैं तुम्हें एक जगह घुमाने ले जाना चाहती हूं

 तुम्हें कुछ सरप्राइस देना चाहती हुं//

अजय उसे आश्चर्य से देखता है

और फिर दोनों शहर के एक अनाथालय में आता है

अजय बोर्ड को पड़कर कहता है

यह तुम हमें कहां लेकर आई हो अनथालय

तुम आओ तो सही सरिता कहती है

दोनों अंदर जाते हैं //दिखाई पड़ता है कुछ अनाथ बच्चे काम करते हुए गंदे कपड़े पहने हुए

अजय कहता है

सरिता यह क्या है //क्यों तुम यहां लेकर आई हो //क्या दिखाना चाहती हो /

सरिता कहती हैं

मेरे दोनों बच्चे यही रहेंगे // यही दिखाने मै तुम्हें लेकर आई हुं

अजय कहता है

क्यों //  तुम्हारा दिमाग खराब हो गया है // हमारे बच्चे अनाथालय में रहेंगे //तुम चलो मेरे साथ तुमसे बात करनी है//

 दोनों बाहर आते हैं //एक पार्क में जाकर बैठते हैं //सरिता कहती है

 इस उमर में पार्क के एक कोने में हम दोनों को बैठा देख लोग क्या सोचेगा कि// इस उमर में इन लोगों को प्यार करने की भूत सवार हुई

अजय कहता है

तुम वह छोड़ो //पहले ये बताओ //तुम्हे हो क्या गया //हमारे दोनों बच्चों को अनाथलय मे क्यों रखना चाहती हो

सरिता कहती है

तुम रीना से शादी करके उसके साथ मजे से रहोगे //और मै दोनों बच्चों को लेकर दर दर की ठोकरें खाऊं // मैं ये होने नहीं दूंगी// इसलिए मैंने तय किया दोनों बच्चों को अनाथालय में रखकर

 मैं दूसरी शादी करूंगी //मैं अभी भी जवान हूं//दिखने में सुंदर और बोल्ड भी हूं

बहुत लडके अभी भी मुझसे शादी करने को तैयार हो जाएगा

 और फिर तुम शादी करोगे तो तुम्हारी होने वाली वाइफ रीना हमारे दोनों बच्चों को एक्सेप्ट नहीं करेगी //

और ठीक वैसे ही /मैं शादी करूंगी तो मेरे होने वाले हस्बैंड तुम्हारे दोनों बच्चों को एक्सेप्ट नहीं करेंगे

इसलिए मैंने तय किया कि दोनों बच्चों को अनाथालय में अभी ही  डाल दूं//

 ताकि तुम खुद अपनी जिंदगी मजे से जीओ

 और मैं भी अपनी जिंदगी मजे से जीयु// सही है ना /

जब ये दोनो बच्चे यहां रह कर जवान होंगे तो बेटा  गुंडा मवाली बनेगा और बेटी  किसी भिखारी शराबी के साथ शादी कर घर बसा लेगी

अजय उसकी बाते सुनकर कहता है

तो तुम दूसरी शादी करना चाहती हो //ये बातें तुमने कभी पहले बताया नहीं

सरिता कहती है

 तुमने जब फैसला किया दूसरी शादी करने की // तो मैंने भी सोची कि मेरी उम्र ही क्या हुई /यही सिर्फ़ 35

अभी भी मैं दिखने मे बोल्ड  हूं

खूबसूरत जवान हूं //चेहरे में चमक है// तो मैं क्यों नहीं शादी कर सकती तुम मर्दों को ही कामवासना जागती है

हम औरतों की नही

अजय सुनकर थोड़ा नरम हो जाता है और भावुक होकर कहता है

सरिता हमसे गलती हुई //मैं बहुत बड़ी भूल करने जा रहा था //मुझे माफ कर दो// मैं अपने दोनों बच्चों को और तुम्हें खोना नहीं चाहता हूं // मैं रीना को हमेशा हमेशा के लिए भुल जाऊंगा

तुम्हारी कसम

 मरते दम तक कभी अलग नहीं हूंगा

 

 यह मेरा वादा है //

और वह सरिता को अपने सीने से लगा लेता  है// सरिता की आंखों से आंसू बह निकलती है और फिर दोनों अपने घर की तरफ़ निकल पड़ता है

 

कहानी यहीं समाप्त हुआ

तो दोस्तों कैसी लगी  मेरी  ये कहानी

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ऐसे ही कहानी आप लोगों को सुनाता रहूंगा और आप लोग अपना भरपूर प्यार हमें देते रहें

 धन्यवाद थैंक यू शुभ रात्रि