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भिखारियों का सेक्रेटरी

भिखारियों का सेक्रेटरी

अजय अपने माता पिता और एक बहन के साथ गांव में रहता था

 अजय पर लिखकर ग्रेजुएशन करता है// नौकरी के लिए काफी हाथ पैर मारता है पर उसे कोई ढंग का जॉब नहीं मिल पा रहा था

 तभी एक दिन अजय घर में मोबाइल पर जॉब के लिए सर्च कर रहा था

उसके पिता कहता है //

कितना पढ़ाया लिखाया कोई जॉब तो पकड़

छोटा-मोटा जो भी मिलता है // नहीं तो आगे कैसे चलेगा , तेरी बहन बड़ी हो रही है , उसकी शादी के पैसे कहां से आएंगे मेरे पास जो भी जमा पूंजी था , वह सारा का सारा तुम्हारी पढ़ाई में और स्वेता की पढ़ाई में मेरे खर्च हो गया

 बेटा मेरे जीते जी कुछ बन कर दिखा दिनभर आलसी के तरह घर पर पड़ा रहता हैं , और मोबाईल में ना जाने क्या क्या देखते रहता हैं // घर से बाहर निकलना सीख

अजय पिताजी की बातों को बुरा नहीं मानता है , वह अपने मां पिताजी को अपना आदर्श मानता है

अजय काफी मेहनती लड़का है

दूसरे दिन से अजय काम की तलाश में निकल पड़ता है जहां भी वह प्राइवेट जॉब के लिए जाता है उसे ढंग की जॉब नहीं मिलता है

और फिर सैलरी की बात होती है तो कोई कहता सात हज़ार कोई आठ हज़ार

अजय सोचता है इतना पढ़ लिख कर इतने कम सैलरी में कैसे जिंदगी गुजरेगी,  और फिर वह कुछ सोचता हुआ घर की तरफ आ रहा होता है कि तभी वो देखता है

कुछ भिखारी मंदिर के बाहर आपस में झगड़ रहे थे

अजय वहां जाता है देखता है क्या मामला है / थोड़ी देर में अजय को पता चलता है कि मंदिर के बाहर जो सीडी के पास भिखारियों की भीख मांगने वाली जगह को लेकर झगड़े चल रहे हैं

एक भिखारी कहता है

मैं गांव गया था, गांव से आया तो तू मेरे जगह को कब्जा कर लिया , साले छोडूंगा नहीं / यहीं तेरी इतनी पिटाई करुंगा केकोई बचाने नही आयेगा , चल उठ //

 दूसरा भिखारी कहता है

साले तूने यह जगह खरीदी की , कोई रजिस्ट्री की तो दिखा एग्रीमेंट पेपर

चल फुट यहां से

वैसे भी तूने लाखों रुपए छापा यहा से

 अब यह मेरी जगह है //

अजय दोनों की बात सुनकर कहता है

अरे भाई झगड़ो मत

पहले यह बताओ  तुम्हारा नाम क्या है तो पहला भिखारी कहता है

मुकेश

 दूसरा भिखारी कहता है

मेरा नाम अनिल

अजय चहकते हुए कहता है

 अरे वाह दोनों का नाम तो बड़ी जबरदस्त हैं , दोनों का नाम तो करोड़पति का हैं और तुम दोनों खाखपति , इसलिए तुम दोनों पैसे कमाने के होर में लगे हो

सब समझ में आ गई है ये सब नाम का ही असर है

कोई बात नहीं फिर एक काम करो , मुकेश भाई तुम 7 दिन के लिए इसे इस जगह को दे दो और  अनिल भाई तुमको हम 7 दिन के लिए तुम्हें दूसरी जगह का पता बताता हूं वाहा जाकर बैठो

अगर वाहा तुम्हारी कमाई नहीं हुई तो मै कही और बड़िया जगह दिला दूंगा अगर कोई भी तुम्हें वाहा से उठाए तो हमें फ़ोन कर देना , तुम दोनों मेरा ये नंबर सेव कर लो

अजय नंबर कहता है

9006352874 दोनों भिखारी नम्बर नोट सेव करता है , मेरे कहने पर चलोगे तो पैसे बहुत कामावोगे

बस इमानदारी से अपना काम करते रहना

दूसरे दिन से अजय,  मन्दिर , मस्जिद,  दरगाह , गुरूद्वारा , चर्च हर जगह पर भिखारियों से बात करता है और अपना नम्बर देता है

कुछ दिनों बाद अजय भिखारियों का सेक्रेटरी बन जाता हैं और एक आफिस भी खोल लेता है

ऑफिस के बोर्ड पर लिखा है

भिखारियों की कार्यालय , प्रोप्राइटर & सेक्रेट्री    ll अजय कुमार ll

अजय अपनी बुद्धि और मेहनत से बहुत जल्द तरक्की कर लेता है , उसके पास नई बुलेट , और पहनने को कीमती कपड़े

एक दिन अजय घर पर ढेर सारा शॉपिंग कर आता है,  मां और स्वेता ये देख बहुत खुश होती है , तभी पिताजी आता है अजय अपनी जेब से दो बंडल रूपये पिताजी को देते हुए कहता हैं

   ये मेरा जॉब का पहला सैलेरी

पिताजी हैरान हो कर कहता है

इतनी मोटी रकम , क्या जॉब मिला तुम्हें

अजय कहता हैं

सेक्रेटरी का , इस शहर के जितने भी भिखारी हैं , उन सब का हिसाब किताब रखना एकाउंटिंग का वो सारा काम मेरे जिम्मे में हैं

इसका ऑफिस चार रास्ते पर है

     यह सुनकर मां पिताजी और श्वेता सभी आश्चर्य से अजय का मुंह देखने लग जाता है , अजय कहता है

पिताजी यह ईमानदारी का पैसा है , ये भिखारी लोग सबसे ज्यादा मेहनत करते हैं कितनी भी धूप की गर्मी हो , बारिश हो ये लोग भी लगातार  कोई खड़े होकर कोई बैठ कर पुरे बारह घंटा , मंदिर में , मस्जिद में  , फुटपाथ पर बैठकर भीख मांगता है उसके लिए भी तो मेहनत करनी होती है, और जब किसी को काम ना मिले तो इंसान क्या करें

     पिताजी कहता है

तुमने ठीक ही कहा है , पर इस काम में तुम्हें इज्जत नहीं मिलेगी

अजय कहता हैं , पिताजी इज्ज़त से क्या पेट भरता हैं , आज की सामाज में जिनके पास धन दौलत है उसीकी इज्ज़त है

और फिर हम कोई गलत काम तो नही कर रहे है

मां मुझे बहुत ज़ोर कि भुख लगी है

मां , जाके फ्रेश हो जा , तेरे लिए खाना लगाती हूं

एक बार एक पैसे वाला आदमी कार से चौराहे पर चाय की दुकान पर आता है

और वो चाय वाले से पूछता है कि भैया यहां भिखारी कहां मिलेगा

चायवाला कहता है

वो सामने के सिग्नल के पास कई  भिखारी आपको मिल जायेंगे

 सेठ कहता है

हमे 201 भिखारियो को खिलाना हैं और दक्षिणा भी देना है / हमारे पिताजी की वर्षी है / कई ज्योतिष और पंडितो ने कहा है / हमारी बिज़नेस फैक्ट्री घाटे में चल रहा है

चाय वाला कहता है // इसका मतलब यह है के भिखारियों को खिलाने से बिजनेस चल पड़ेगी

सेठ कहता है / हां

चाय वाला कहता है / आपको जीतने भी भिखारी चाहिए मिल जायेंगे सिग्नल के उस तरफ भिखारियों का एक कार्यालय भी है /

सेठ ,  thanks, बोलकर कार लेकर आगे बढ़ जाता हैं

सेठ जाते ही , चायवाला कहता है

 हमारे देश में गरीब से ज्यादा अमीर लोग थोड़ा ज्यादा ही अंधविश्वास है

सुनकर चाय पीते कई लोग वाहा खडे हसता है

 सेठ सिग्नल के पास कार से उतर कर उस भिखारी के पास जाकर कहता हैं

भाई हमे 200 भिखारियों को खाना खिलाना हैं

भिखारी कहता है

मिल जायेंगे वो, देखो सामने हमारे ऑफिस है

आप हमारे कार्यालय में जाओ , वाहा हमारे सेक्रेटरी आपको उपलब्ध करवा देंग, एक नम्बर देता हूं वो लिखो

वो सेठ लिखता है नंबर

और ऑफिस के तरफ़ जाता हैं

सेट ऑफिस के सामने कार से उतरता है और ऑफिस के अंदर जाता है अजय बैठ के डायरी में कुछ लिख रहा होता है कि तभी सेठ नमस्ते करता है

आ जाए नमस्ते कहकर अजय बैठने के लिए कहता है ,अजय कहता है

बताइए जी हमारे लिए क्या सेवा है

सेट कहता है

हमें 25 तारीख को 201 भिखारीयो को  खाना खिलाने के लिए चाहिए थी

अजय कहता है

 बैठिए मैं जरा डायरी चेक कर लेता हूं  25 को कोई ओर जगह भिखरिओ का फंक्शन बुक तो नही है ,

 और अजय  डायरी के पेज पलट पलट कर देख कर कहता है

 25 तारीख को मिल जाएगी लेकिन कितने बजे

सेठ कहता हैं

तीन बजे क्युकी राहुकाल 2 बजे तक रहेगा

 अजय कहता है

ठीक है दोपहर को 3:00 बजे ठीक रहेगा मैं आपको एड्रेस बता देंता हुं , काली माता मन्दिर के पीछे वाली ग्राउंड में , और हां दक्षिणा आपको प्रत्येक भिखारी को एक हज़ार करके देने होंगे और उनका आने जानें की कोनवेंस पाचसो कर के देने परेंगे

सेठ कहता हैं , कुछ डिस्काउंट नहीं करेंगे

अजय कहता हैं , नहीं हो सकता कियुकी ये भीखारी सब अपना काम छोड़ कर आना पड़ता हैं

 और मेरा फीस पांच हज़ार

टोटल आपको तीन लाख पांच सौ देने पड़ेंगे , जिसमें से एडवांस अभी फिफ्टी परसेंट देने होंगे

ठीक है // कहता हुआ सेठ बैग खोल कर पैसे गिनकर देते हुए कहता है

ये रहा ढेर लाख

अजय पैसे लेकर उसको वाउचर पर एंट्री कर स्लीप देता है , सेठ चला जाता है

 

// तो देखा भाइयों हमारे देश में भिखारियों की भी पैसे देकर अपॉइटमेंट लेने पड़ते हैं//

 

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