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चोर बना महान साधु
एक चोर एक रात को चोरी के लिए एक बंगले में घुसता है, और वो उस घर से सामान चोरी कर जैसे निकलता हैं , कि तभी पेट्रोलिंग करता हुआ पुलिस पोलिस जीप आ जाती है
जीप की हेडलाइट चोर के उपर पड़ता है
चोर पुलिस को देख समान छोड़ कर भागने लगता हैं के तभी पुलिस वाले भी जीप से उतर कर चोर के पीछे भागता हैं,
चोर भागता, भागता जंगल के अंदर घुस जाता है , जंगलों के बीच एक आश्रम को देख कर वो भागता हुआ आश्रम के करीब पहुंचता हैं , और आश्रम के दीवारों को फांद कर महात्मा के कमरे के दीवारों में जाकर छुपकर लेट जाता हैं ,
आश्रम के महात्मा जो बैठे पूजा कर रहे थे उन्हें कुछ एहसास हुआ कोई तो है आश्रम में , वो उठता हैं,
और वह टॉर्च लेकर कमरे से बाहर निकलता हैं और वो उस तरफ जाता है जहां से उन्हें कुछ आवाज़ आई थी ,
महात्मा ने देखा, एक आदमी लेटा हुआ है दीवार के करीब , महात्मा ने चोर के ऊपर टॉर्च की रोशनी मारी तो उस आदमी ने कहा
कृपया लाइट मत कीजिए
महात्मा ने पूछा , तुम कौन हो ,
तुम मेरे आश्रम में कैसे घुसे
आदमी ने कहा , आश्रम ही एक ऐसी जगह है , जहां सभी को आश्रय मिलता है और आश्रय ना मिले तो आश्रम कैसा ,
महात्मा उसकी बातों को सुनकर लगा ,
के आदमी बुद्धिमान हैं ,
महात्मा ने फिर दोबारा कहा
तुम कौन हो
आदमी ने कहा ,
मैं चोर हूं , इस गांव का प्रसिद्ध चोर, महात्मा ने कहा
मेरे आश्रम से बाहर निकलो
चोर ने कहा
रात में जो बाहर निकलने को कहता हो , वह महात्मा नहीं हो सकता , और जो चोर के शरण दे, वह भगवान होता है ,
महात्मा को उसकी बात अच्छी लगी , वह कहता है
ठीक है तो सो जाओ ,
फिर चोर कहता है
रात को सोने की मुझे आदत नहीं , आप सोइए ,मैं जागूंगा ,क्योंकि मैं चोर हूं, मेरा रात का ही धंधा है, 40 साल पुराना चोर हूं , मेरा बाप भी चोर थे ,और बाप के बाप भी चोर थे, पूरा चोट्टा परिवार है मेरा, महात्मा ने कहा
मेरी आश्रम की बदनामी होगी ,इसलिए तुम चले जाओ
चोर ने कहा , मैं तो चला जाऊंगा, लेकिन मेरी रक्षा कौन करेगा ,पीछे पुलिस लगी हुई है और आश्रम में मैं सुरक्षित रह सकता हूं , रात गुजरने दो, सुबह चला जाऊंगा , महात्मा ने कहा
रात में आश्रम में मैं रुकने नहीं दूंगा क्योंकि किसी को खबर मिलेगी कि आश्रम में चोर भी छुपाए जाते हैं तो मेरे आश्रम की इज्जत का क्या होगा ,
एक बात शायद तुम नहीं जानते हो ,
तो सुनो , कुछ ऐसे लोग होते हैं जो तुम्हारे घर ठहर जाए तो तुम्हारा घर बदनाम हो सकता है ,
कुछ लोग ऐसे होते हैं ,तुम साथ-साथ उनके साथ चलो तो तुम बदनाम हो सकते हों, और कुछ सामान ऐसे होते हैं , जो तुम हाथ में पकड़ लो , तो तुम बदनाम हो सकते हो
और कुछ ऐसे स्थान होता है , जहां तुम थोड़ी देर बैठ जाओ, तो तुम्हें सम्मान मिल सकता है
चोर ने महात्मा को समझाते हुए कहा
आप तो साधु संत ठहरे मेरे प्रति आपको परोपकार करना चाहिए , मुझे ठहरने दो , महात्मा ने कहा
मै अगर रात में सो गया और तुम कही रात में ही मेरा समान लेकर चले गए तो ,
चोर ने कहा , चोर हूं मैं , लेकिन वफादार चोर हूं , आपके यहां चोरी नहीं करूंगा महाराज ,
महात्मा में कहा , ठीक हैं ठहरो यही , कहकर महात्मा चले गए , पर महात्मा चोर की चिंता में रात भर सो नहीं पा रहे थे , उन्होंने मन ही मन सोचा क्यों ना आज डबल पूजा पाठ करके रात बिताया जाए
, और फिर महात्मा पूजा पाठ करना शुरू कर देते हैं,
चोर भी जागता हुआ महात्मा को देखे
जा देख रहा था
सवेरा हुआ तो महात्मा ने चोर के पास गया और कहा
अब जाओ तुम, सवेरा हो गया
चोर ने कहा , ठहरो जल्दबाजी मत करो , तभी भक्तगण लोग आने लगे पूजा पाठ करने ,
बहुत सारे स्त्री पुरुष आने लगे आश्रम में, लोग फल मिठाई रुपया पैसा देने लगे महात्मा को
और यह सब चोर देख रहा था और वह मन ही मन कुछ सोच रहा था
थोड़ी देर बाद फिर से महात्मा ने चोर से कहा
अब जल्दी से जाओ
चोर ने कहा , अब तो मैं यहां से कभी नहीं जाऊंगा , यहीं रहूंगा
महात्मा ने कहा , क्यों
चोर ने कहा
मैंने देखा मेरे इस काम में बहुत दुख है जंगल वंगल भागना पड़ता है , खेत खलिहान में भागना पड़ता है
मारपीट झगड़ा होता है , दुख ही दुख मिलता है
और साधु बनने में बड़ा सुख है, रात भर से मैं यही देख रहा हूं तुम आराम से बैठे हो ध्यान पूजा करते हो , और सवेरे भक्त लोग आकर तुम्हें माला फल चढ़ाते हैं ,
मैं भी साधु बनूंगा , मैं भी ऐसा फल खाता रहूंगा , बात खत्म
और फिर वह चोर साधु बन गया
रात भर महात्मा के संगत के प्रभाव से चोर से साधु बना और उस महात्मा के परम शिष्य बन गया उस गद्दी का अधिकारी बन गया , और उस गद्दी से उसने बहुत बड़ा प्रचार-प्रसार किया , आदमी संगत से , चोर भी महान बन जाता है , और कुछ संगत में पढ़कर भी महान व्यक्ति ,चोर बन जाता है ll